Mantra 22313

मुझे पूजा-पाठ की विधि नहीं पाता, न ही मुझे उचित-अनुचित का ज्ञान हैं। हे श्री कृष्ण और श्री अर्जुन मैं आपके शरण में हूँ। मेरा प्रत्यक्ष रूप से मार्ग दर्शन कीजिये। जो सुख-दुख मुझे प्राप्त हैं वही सुख-दुख सभी प्राणियों को प्राप्त हो। मेरा उद्धार कीजिये।

Leave a comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.